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एक सफर सुरु हुआ है चलो साथ मिलकर चलते हैं आज उनका हाथ पकरते है जो किताबो से डरते हैं तुम साथ खरे रहना बस हाथ कंधे पे हम रख देंगे, उसकी आखों की ना उमिदी को अच्छे से पढ़ लेंगे कितना अच्छा होगा वो लहमा भी जब वो खुशी से झूम उठेगा सब को सुनाएगा सोर मचा कर जब डर उसका दूर होगा वह अब वो सब कर सकेगा जिस पर उसका हक था इन ⁉️ questions का डर बस इतने ही देर तक था आज वह भी मुस्कराते हुए खुद से आंखे मिलाएगा पिछे मुरेगा तो मुस्कुराता हुआ हमे पायेगा!
Mohan sir एक इमोशन है जो शुरू हुआ है उन आंखों में देखने के बाद जो किताबो मे रखा ज्ञान बटोरना तो चाहते है मगर पैसे की कमी या किसी और वजह से उनको सिख नही पाते हमारा लक्ष्य हर उस घर तक study को पहुंचना है जो समझते है की पढ़ाई उनके लिए बनी ही नहीं!
आपलोगो से request है की आप अपना प्यार हम पर ऐसे ही बनाएं रखें और हमारी मदद करे ऐसे लोगो तक पहुंचने में जो मदद की उम्मीद रखते !
🙏 Thanks 🙏
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